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सोमवार, 11 मई 2020

शाम होने वाली थी - कहानी

शाम  होते ही बाज़ारों की रौनक थोड़ी बढ़ जाती है।  ज्योति मुझे बाज़ार में घूमते हुए मिल गई पर मैंने जब गौर से देखा तो उसकी मांग भरी हुई दिखी लाल चूड़ियाँ भी खनक रही थीं।   पहले वाली ज्योति और आज की  ज्योति में बहुत फर्क आ चुका था।   उसकी भी नज़र मुझ  पर पड़ी वो मुस्कुराते हुए बोली मोना जी आप यहाँ कैसे।   ज्योति बोली चलिए कहीं थोड़ी देर बैठकर कॉफ़ी पीते हैं।   आज तो बहुत समय बाद हम लोग मिले हैं कुछ बातें कर लेंगे।   पास में ही एक मॉल में हम कॉफी काउण्टर में बैठ गए।  दो कॉफी का आर्डर वेटर को दे दिया।    अब ज्योति से मैंने पूछा ये अचानक शादी कब हुई मुझे तो तुमने बताया ही नहीं।   ज्योति ने कहा मेरे पापा को दिल का दौरा पड़ा था उन दिनों में हमारे घर के साथ में ही  नवीन जी जो एक इंजीनियर हैं उन्होंने तुरन्त ही स्थिति भांपते हुए अपनी गाड़ी से पापा को अस्पताल पहुँचाया।   क्योँकि बहुत देर से एम्बुलेन्स को फोन किया था पर वो समय पर नहीं आई थी।   हम बार बार फोन कर रहे थे उस समय वो घर के बाहर ही खड़े थे तो हमारी परेशानी देखकर पूछा तो मैंने बताया कि पापा की तबियत अचानक खराब हो गई है।   तब उन्होंने जब हमें अस्पताल पहुँचाया तो डाक्टर बोला आप इनको बिल्कुल सही समय पर ले आए नहीं तो इनकी जान भी जा सकती थी।   हमने उनका धन्यवाद किया।  डाक्टर ने पापा को इंजैक्शन लगाया और कुछ दवाइयाँ लिखकर दीं जिन्हें नवीन जी ने तुरन्त ही लाकर हमें दे दीं।   फिर उनका हमारे घर में आना जाना शुरू हो गया।   

पापा जी को उनका स्वभाव बहुत मिलनसार लगा।   उनकी माता जी और मेरी माता जी में भी मित्रता हो गई।  एक दिन पापा जी ने उनके सामने शादी का प्रस्ताव रखते हुए कहा कि मेरे रहते ही ज्योति की शादी हो जाए तो मेरी भी जिम्मेदारी  खत्म हो जाए।   नवीन जी के पिता जी का देहान्त चार वर्ष पूर्व ही एक एक्सीडेंट में हो चुका था।   इस तरह से हम लोग रोज़ मिलते रहे और धीरे धीरे हम दोनों में प्यार हो गया।   उन्होंने पापा जी का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया और सादगी से हमारी शादी हो गई।   बातों बातों में समय का पता ही न चला कितनी जल्दी बीत गया।   शाम से अब रात होने चली थी चाँद भी सितारों के साथ गगन में सुन्दरता बिखेर रहा था।   फिर मैंने भी ज्योति से अलविदा लेते हुए उसको अपने घर पर नवीन जी के साथ आगामी रविवार को  आने को आमन्त्रित किया जिसको ज्योति ने सहर्ष स्वीकार करते हुए कहा कि एक बार घर पर उनसे और बात करके फोन पर आपको सूचित कर  दूँगी।    यह शाम मेरे लिए बहुत अविस्मरणीय बन गई। 
@मीना गुलियानी 

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