Meena's Diary
यह ब्लॉग खोजें
मंगलवार, 5 मई 2020
तुम्हें देखा नहीं कबसे
तुम्हें देखा नहीं कबसे
दिन बीत रहें हैं तबसे
तुम जुदा हुए थे जबसे
बैठे इंतज़ार में तबसे
ये प्रीत जुड़ेगी कबसे
@मीना गुलियानी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें