किसी की पीड़ा को कौन समझे
केवल व्ही जान सकता है जिसने
इस दर्द को खुद कभी झेला हो
बाकी दुनिया तो मज़ाक उड़ाती है
सबसे अपना दर्द छुपाना चाहिए
उजागर होने पर दर्द नासूर बनता है
रह रह कर उसमें टीस उठती है
लोग भी कुरेदकर पीड़ा बढ़ाते हैं
@मीना गुलियानी
केवल व्ही जान सकता है जिसने
इस दर्द को खुद कभी झेला हो
बाकी दुनिया तो मज़ाक उड़ाती है
सबसे अपना दर्द छुपाना चाहिए
उजागर होने पर दर्द नासूर बनता है
रह रह कर उसमें टीस उठती है
लोग भी कुरेदकर पीड़ा बढ़ाते हैं
@मीना गुलियानी
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