Meena's Diary
यह ब्लॉग खोजें
गुरुवार, 31 अक्टूबर 2019
करीब न आ सके
कुछ कमी हममें ही थी जो
तुम्हें हम पा न सके
चाहा था तेरे साथ रहें हम
पर तेरे करीब न आ सके
@मीना गुलियानी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें