आज जब मैं आँगन ने सब्ज़ी साफ़ कर रही थी तो
मेरी एक पुरानी सहेली रीमा का फोन आया। मैं
तो उसकी आवाज़ सुनकर ही हैरान हो गई क्योकि
लगभग बीस साल पहले हम साथ साथ एक ही
स्कूल में पढ़ते थे। उससे खूब बातें हुईं आजकल वो
किसी स्कूल में अध्यापिका बन गई थी। हमें वो
दिन याद आये जब रोज़ शाम को साथ में खेलते थे।
उसकी दो बेटियाँ हुईं थीं जिनके अच्छे घरों में शादी
हो चुकी थी। बातों बातों में उसने एक हमारी सहेली
सुनीता का जिक्र किया जिसने आत्महत्या कर ली थी।
जब मैंने यह बात सुनी तो कुछ पल के लिए मानो
मेरी धड़कन ही रुक गई। हम तीनों उस स्कूल में
बहुत ही पक्की सहेलियाँ थीं। खाना ,पीना, आना ,
जाना सब साथ होता था। स्कूल की बाकी सहेलियाँ
हम तीनों को तीन देवियाँ कहकर चिढ़ाती थीं। रीना
ने बताया सुनीता का फेसबुक के जरिए किसी रमेश
नाम के व्यक्ति से उसकी दोस्ती हो गई. जो धीरे धीरे
प्यार में बदल गई। रमेश ने उससे शादी भी कर ली।
रमेश का दुबई में व्यापार था इसलिए वो शादी के
बाद उसे अपने साथ दुबई ले गया था। कुछ दिन तो
बहुत अच्छे गुज़र गए। अब धीरे धीरे रमेश की
असलियत सुनीता पर खुलने लगी कि उसने वहाँ
एक लड़की से पहले ही शादी कर रखी थी। सुनीता ने
नाराज़गी जताई तो रमेश उसे वापिस भारत में
अपने माता पिता के पास छोड़कर दुबई चला गया।
उसकी माता जी का व्यवहार सुनीता से अच्छा नहीं
था। रोज़ ही उसकी सास दहेज़ की मांग करने लगी।
सुनीता घर का भी पूरा काम करती थी फिर भी वो
हमेशा ताने डाँट डपट करती थी। अब सुनीता को उनका
व्यवहार असहनीय लगने लगा तो उसने नींद की पूरी
गोलियाँ शीशी से निकालकर अपने हलक में उतार ली।
इस तरह से हमेशा के लिए सुनीता गहरी नींद में सो गई।
रमेश को भी हमेशा के लिए उससे छुटकारा मिल गया।
रामा से यह सब जानकर बहुत दुःख हुआ। हमने उसकी
आत्मा की शान्ति के लिया प्रार्थना भी की।
@मीना गुलियानी
मेरी एक पुरानी सहेली रीमा का फोन आया। मैं
तो उसकी आवाज़ सुनकर ही हैरान हो गई क्योकि
लगभग बीस साल पहले हम साथ साथ एक ही
स्कूल में पढ़ते थे। उससे खूब बातें हुईं आजकल वो
किसी स्कूल में अध्यापिका बन गई थी। हमें वो
दिन याद आये जब रोज़ शाम को साथ में खेलते थे।
उसकी दो बेटियाँ हुईं थीं जिनके अच्छे घरों में शादी
हो चुकी थी। बातों बातों में उसने एक हमारी सहेली
सुनीता का जिक्र किया जिसने आत्महत्या कर ली थी।
जब मैंने यह बात सुनी तो कुछ पल के लिए मानो
मेरी धड़कन ही रुक गई। हम तीनों उस स्कूल में
बहुत ही पक्की सहेलियाँ थीं। खाना ,पीना, आना ,
जाना सब साथ होता था। स्कूल की बाकी सहेलियाँ
हम तीनों को तीन देवियाँ कहकर चिढ़ाती थीं। रीना
ने बताया सुनीता का फेसबुक के जरिए किसी रमेश
नाम के व्यक्ति से उसकी दोस्ती हो गई. जो धीरे धीरे
प्यार में बदल गई। रमेश ने उससे शादी भी कर ली।
रमेश का दुबई में व्यापार था इसलिए वो शादी के
बाद उसे अपने साथ दुबई ले गया था। कुछ दिन तो
बहुत अच्छे गुज़र गए। अब धीरे धीरे रमेश की
असलियत सुनीता पर खुलने लगी कि उसने वहाँ
एक लड़की से पहले ही शादी कर रखी थी। सुनीता ने
नाराज़गी जताई तो रमेश उसे वापिस भारत में
अपने माता पिता के पास छोड़कर दुबई चला गया।
उसकी माता जी का व्यवहार सुनीता से अच्छा नहीं
था। रोज़ ही उसकी सास दहेज़ की मांग करने लगी।
सुनीता घर का भी पूरा काम करती थी फिर भी वो
हमेशा ताने डाँट डपट करती थी। अब सुनीता को उनका
व्यवहार असहनीय लगने लगा तो उसने नींद की पूरी
गोलियाँ शीशी से निकालकर अपने हलक में उतार ली।
इस तरह से हमेशा के लिए सुनीता गहरी नींद में सो गई।
रमेश को भी हमेशा के लिए उससे छुटकारा मिल गया।
रामा से यह सब जानकर बहुत दुःख हुआ। हमने उसकी
आत्मा की शान्ति के लिया प्रार्थना भी की।
@मीना गुलियानी
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