रात तुम तो बहुत अच्छी सहेली हो। तुमको पता है कि मैं सुबह से ही तुम्हारी प्रतीक्षा करने लग जाती हूँ। तुम्हारे साथ समय बिताना मुझे बहुत ही अच्छा लगता है। तब तुम कितनी खूबसूरत दिखती हो जब पूर्णिमा होती है और पूरा चाँद सितारों के साथ गगन पर विहार करता है। तुम्हारा भी चेहरा उसे देखकर खिल जाता है। तुमने मुझसे तो कुछ बात ही नहीं की सिर्फ मैं ही बोले जा रही हूँ। कभी मेरे साथ बैठो हम दोनों खूब बाते करेंगे। एक बात कहूँ बुरा मत मानना जब मेरे पिया नहीं होते तब तो मुझे तुम्हारे ऊपर भी गुस्सा आता है। तुम मुझे शीतलता देने के बजाए मेरे तन बदन में ज्वाला भर देती हो। पूरी रात पिया के इंतज़ार में करवट बदलकर ही गुज़ारती हूँ। वैसे तो तुम सबकी प्रिया भी हो तभी तो सब लोग तुम्हारी सुन्दरता की प्रशंसा में कविताएँ रचते हैं। कवियों का अँधेरे में भी पथ प्रदर्शन करती हो। अपनी चाँदनी रात वाले समय में अपने रूप से सबको लुभाती हो। बरसात की रात में भी तुम्हारा यौवन उभार पर होता है जो सबके मन विचलित करता है।
मुझे तो तब बहुत अच्छा लगता है जब तुम आती हो और अपनी बाहों में समेटकर अपनी आगोश में लेकर थपकी देकर सुलाती हो। तब तुम्हारी गोद में मुझे चैन की नींद आ जाती है। फिर पिया के मीठे मीठे सपने भी तुम लेकर आती हो। मुझे तुम्हारा हमेशा इंतज़ार रहता है क्योंकि तुम्हारा प्यारा साथ सबसे अनोखा है। अच्छा मेरी प्यारी सखी अब तो मुझे नींद आने लगी है। कल बहुत ढेर सारी बातें करेंगे। शुभ रात्रि मेरी सखी।
@मीना गुलियानी
मुझे तो तब बहुत अच्छा लगता है जब तुम आती हो और अपनी बाहों में समेटकर अपनी आगोश में लेकर थपकी देकर सुलाती हो। तब तुम्हारी गोद में मुझे चैन की नींद आ जाती है। फिर पिया के मीठे मीठे सपने भी तुम लेकर आती हो। मुझे तुम्हारा हमेशा इंतज़ार रहता है क्योंकि तुम्हारा प्यारा साथ सबसे अनोखा है। अच्छा मेरी प्यारी सखी अब तो मुझे नींद आने लगी है। कल बहुत ढेर सारी बातें करेंगे। शुभ रात्रि मेरी सखी।
@मीना गुलियानी
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