दिल पे क्या गुज़रती है तेरे यूँ चले जाने से
कैसे हम तुमको बताएं और कैसे ज़माने से
इश्क में तेरे हम तो दीवाने हो गए
अब क्या फायदा फांसले बढ़ाने से
दिल की केवल वो ही जान पायेगा
खाई हो ठोकर जिसने भी ज़माने से
आशियाँ फूँक दिया अब क्या मिलेगा तुम्हें
कुछ न हासिल होगा मुझको यूँ रुलाने से
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