मत पुण्यों की बात करो तुम
मुझको मेरा नर्क मुबारक
स्वर्ग तुम्हारा पास रखो तुम
गर दुनिया में पाप न होता
दुनिया इतनी हंसी न होती
मंदिर मस्जिद ओ गुरुद्वारे
अवतारों की ज़मीं न होती
पाप न होता तो दुनिया का
अफ़साना रंगीन न होता
मयकश गर बन जाते जाहिद
मयखाना रंगीन न होता
आदम हव्वा भूल न करते
दुनिया में इंसान न होता
जीने का अरमान न होता
आज खुद का नाम न होता
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