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शनिवार, 9 जनवरी 2016

दुनिया में इंसान न होता


मै पापों की गोद पला हूँ
मत पुण्यों की बात करो तुम 

              मुझको मेरा नर्क मुबारक 
              स्वर्ग तुम्हारा पास रखो तुम 

गर दुनिया में पाप न होता 
दुनिया इतनी हंसी न होती 

            मंदिर मस्जिद ओ गुरुद्वारे 
            अवतारों की ज़मीं न होती 

पाप न होता तो दुनिया का 
अफ़साना रंगीन न होता 

           मयकश  गर बन जाते जाहिद 
           मयखाना रंगीन न होता 

आदम हव्वा भूल न करते 
दुनिया में इंसान न होता 

           जीने का अरमान न होता 
          आज खुद का नाम न होता 

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