तेरे ही कारण मै तो भई रे बावरिया
साजन तूने लीनी न मोरी खबरिया
तेरे ही कारण मैने दुनिया बिसरा दी
सुध बुध खोके जिंदगानी लुटा दी
अंग अंग झूमे बरसूँ बनके बदरिया
प्रेम में तेरे सारा जग ठुकरा दूँ
तुझको न भूलूँ सबको बिसरा दूँ
चाहत में भूल गई अपनी डगरिया
धरती भी डोले और अंबर भी डोले
पायल मोरी बाजे मन खाए हिचकोले
रंग में तेरे मै तो रंग गई साँवरिया
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