जब मैने प्रियतम का संदेश सुना
मन उनसे मिलने को उत्सुक हुआ
घर, आँगन सभी बुहारना है
अपना तन ,मन संवारना है
जी भरकर आज श्रृंगार करुँगी
सजधजकर उनके पास चलूँगी
पहली नज़र में वो मोहित हो जाये
देखके मुझे सारे गम भूल जाएं
मै उनकी साकी बनकर जाम पिलाऊँ
और मरहम बन जख्मों पे लग जाऊँ
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