जिंदगी मेरी का यूँ ही फ़साना बनेगा
मुझे मार डालेंगी तेरी कातिल निगाहें
मासूम दिल नज़र का निशाना बनेगा
मदहोश करती है बलखाती ये ज़ुल्फ़ें
इनमें उलझकर दिल दीवाना बनेगा
कहीं है नज़र और कहीं है निशाना
किसका जिगर अब निशाना बनेगा
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