बन पागल चातक सा प्रिय मै
नित आनन चन्द्र निहारा करूँ
नित नैनन नीर नवोदित से
तुम्हारे पद -पद्म पखारा करूँ
अपने हिय आज बसा तुमको
नित आरती मंजु उतारा करूॅ
अपनापन लींन तुम्हीं में करूँ
सर्वस्व तुम्हीं पर वारा करूँ
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