तेरा मेरा प्यार यूँ ही जवां था
कहाँ से भटकते कदम कहाँ तक आ गए
सारे जहान पर हम खुमार बनके छा गए
प्यार में सारी मुश्किलें मेरी आसां हो गई
खुदा भी हम पर कुछ मेहरबाँ था
खाई जो कसमें वफ़ा की हमने निभा दी
तेरे प्यार में ये जिंदगानी लुटा दी
दिल की तड़प को हमने भुलाया
हर एक अरमां जो नौजवां था
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