जब देखा निगाह पसार , बीच संसार , एक ही द्वारा ,
मैया बिन कौन हमारा
मतलब का हर इक नाता है , मतलब बिन कोई नही चाहता है
मतलब का ये संसार देखा सारा
जब अस्सू के दिन आते है , दर्शन को प्रेमी जाते है
सब संगत रलमिल बोले जय जयकारा
वहाँ जगमग ज्योति जग रही है , चरणो में गंगा वग रही है
नहाने को निर्मल जल का चले फुआरा
वो सुंदर गुफा तुम्हारी है , मोहे आस दर्श की भारी है
जी चाहता कब देखूँगा अान नज़ारा