तेरा द्वार कभी न छूटे
तन से निकले प्राण मगर ये डोर कभी न टूटे
तू कभी न मुझसे रूठे
तू न मुझसे खफा रहे ये दुनिया चाहे छूटे
तेरे दर्श को नैना तरसे
अब न मुझे तरसाओ बाबा नैना छम छम बरसे
मेरे दिल में करो बसेरा
तेरे ध्यान में खोई रहूँ कहीं दिल न लगे अब मेरा
बाबा मुझे सहारा तेरा
रिश्ते नाते तोड़के सारे लिया आसरा तेरा
तेरे बिना न कोई दूजा
तू ही मेरे मनमंदिर में बसा है करूॅ तेरी मै पूजा
नैया मेरी ये डोले
थामो तुम पतवार मेरी दिल मेरा कभी न डोले
_________________________
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें