बाबा जी मुझे ज्ञान दो नाम को गाउँ मै
हर पल तेरा नाम लू ध्यान लगाऊँ मै
तेरा ही सिमरन करूँ तुम मुक्ति के दाता हो
चमका दो किस्मत मेरी तुम ही भाग्य विधाता हो
सब कुछ है अर्पण तेरे क्या बतलाऊं मै
तुझसे क्या मै अब कहूँ सब कुछ जाननहार हो
भला बुरा तुमको पता मेरे खेवनहार हो
विपदाओं से न डरू अभय को पाऊँ मै
जीवन को अर्पण किया प्राणों से पूजन किया
मन वीणा के सुर बजे सांसो से कीर्तन किया
नाम जपूँ मै आपका लौ को लगाऊँ मै
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