तर्ज -------इब्तदाये इश्क में हम सारी
बाबा तेरा नाम हमको लगता है प्यारा
नैया मेरी पार कर देना
राहें मेरी काँटों भरी है
मुश्किल सिर पे आन पड़ी है
सफर कठिन है रास्ता न जानू
मेरी परीक्षा की ये घड़ी है
मेरे बाबा आज मैने तुझे ही पुकारा
पापकर्म है रास्ते को घेरे
कैसे आऊँ द्वार मै तेरे
विषय विकारो में फंसकर बाबा
जपा न कभी मैने नाम को तेरे
सौप दिया चरणों में जीवन ये सारा
माया मोह ने डाला घेरा
मुझको एक सहारा है तेरा
दुनिया सारी तजके बाबा
देखूँ एक नज़ारा तेरा
तेरी जोत से जीवन हुआ उजियारा
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