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रविवार, 31 मई 2015

माता की भेंट - 25

तर्ज ----पतझड़ सावन 


अस्सू कतक ते मगहर दी  बहार 
संगता नू रहन्दा मैया तेरा इंतज़ार 
हर पल तेरे दीदार दा तेरे प्यार दा 

प्यार तेरा मैया  तो अनोखा 
 ऐ सारी दुनिया ऐ धोखा ही धोखा 
नैया डगमग डगमग डोले 
 मेरा दिल जय माता दी बोले 
दाती आज सुनके पुकार 
अथरू  चढ़ावा तेनु हार -तेनु हार 

तेरे बिना न मेरा कोई सहाई 
आजा मेरी माई माई
 तू ही  पिता है  तू  ही मेरी माता 
तू ही मेरी भाग्यविधाता 
देर करी ना आ जावी माँ 
डुब्दै बेड़े नू करदे पार -करदे पार 

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