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बुधवार, 20 मई 2015

गुरुदेव के भजन 354 (Gurudev Ke Bhajan 354)



बाबा ये मेरी जिंदगी तेरा ही उपकार है 
तन मन धन से अब कोई मुझको न सरोकार है 

दिल चरणो का दास है वो तो सदा तेरे पास है 
जीवन मरण की क्या खबर  तेरे आधार है 

सांसो की ये माला भी अब तो तुझे समर्पित है 
मन वीणा की मधुर धुन तेरी ही झंकार है 

जीवन की तृष्णा मिट गई जब तेरा दर्शन किया 
तेरे चरणो में ही मोक्ष मिले वरना जीवन बेकार है 


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