यह ब्लॉग खोजें

रविवार, 31 मई 2015

माता की भेंट - 36

अम्बे का सहारा मैने पा ही लिया 
मुझे माँ ने चरणो से लगा ही लिया 

हुआ क्या कसूर ऐसा मैया हमारा , भक्तो का देश तूने दिल से विसारा 
देश का क्यों साथ छोड़ा, भक्तो से मुखड़ा मोड़ा 
दिल में बसाया हमने तुमरा द्वारा 
दुर्गे को दिल में बसा ही लिया ----------------------------------------------

तेरे साथ माता मैने प्रीत लगाई , दिल के अँधेरे में जोत जगाई 
माता संग प्यार करके , चरणो का ध्यान धर के 
आन बचाओ मैया दास ये पुकारे 
दिन रात तेरा गीत गा ही लिया -------------------------------------------

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें