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मंगलवार, 26 मई 2015

19 माता की भेंट 19

खोलो खोलो माँ द्वारे इक दुखिया पुकारे
 रो रो अरजा गुज़ारे तेरा दास माँ 
न जुदाई सही जाये साल सी ने काहनू लाये 
आजा आजा मेरी माए तेरा दास हाँ 

तेरी मैनु याद सताए पलका रो रो पकिया 
तू जिन्हा राहा तो आवे मै विछावा अखियाँ 
दर्श दिखादे शेरा वालिये ,मैनु न भुलावी 
मै ता तेरे ही सहारे खोलो खोलो माँ द्वारे इक दुखिया पुकारे

अरमाना ते हन्जुआ दी मै भेंटा लेके आया 
सधरा ते चावा ने मेरी है बुआ खड़काया 
आस पुजादे मेहरा वालिये ,दिल दी प्यास बुझावी 
मेरा दिल ऐहो पुकारे खोलो खोलो माँ द्वारे इक दुखिया पुकारे

ऐहो मेरी आस है माए दर्श सदा ही पावा 
बनके तेरा लाल मै अम्बे तेरे ही गुण गावा 
विनती मेरी ऐहो गुफा वालिये मैनु वि दिखावी दाती 
ध्यानू वांग नज़ारे खोलो खोलो माँ द्वारे इक दुखिया पुकारे

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