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गुरुवार, 21 मई 2015

गुरुदेव के भजन 373 (Gurudev Ke Bhajan 373)


तर्ज----मेरे दिलबर मुझसे 

मेरे बाबा मुझसे खफा न हो 
मुझे इतनी लम्बी सज़ा न दो 
तेरे दर्शन बिन अब रहा जाये न
 ये गम अब मुझसे सहा जाए न 

क्यों इतना मुझे रुलाते हो 
क्यों इतना मुझे सताते हो 
मेरा  तेरे सिवा कोई और नहीँ 
कहाँ जाऊं मै कोई ठौर नहीँ 

मेरे बाबा अब तो मेहर करो 
मेरी अर्ज सुनो न  देर करो 
कहदो कि तुम अब खफा नही 
कहदो कभी होंगे जुदा नही 


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