तर्ज ---जीवन में पिया तेरा साथ रहे
मेरे बाबा जी दो आशीष हमें तेरे चरणों के हम दास रहें
तुम चाहे कितने दूर बसो दिल में मिलने की आस रहे
मेरे बाबा जी हो तुम प्यारे सरे जग से न्यारे लगते हो
दुनिया चाहे कुछ भी बोले बाबा तुम तो हमारे लगते हो
हृदय में सदा तेरा वास रहे नैनो में मिलन की आस रहे
दुनिया के सहारे झूठे है बाबा जबसे तुमको जाना है
सच कहते है ज्ञानी ध्यानी ये जग तो मुसाफिरखाना है
भव बंधन काटो तुम मेरे ये दिल तेरा ही दास रहे
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