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गुरुवार, 21 मई 2015

गुरुदेव के भजन 371 (Gurudev Ke Bhajan 371)


तर्ज ---आजा रे प्यार पुकारे 

आ जाओ दास पुकारे नैना तो रो रो हारे 
किसको सुनाऊँ हाल मेरा 

लूटा मुझको है बाबा मोहजाल ने 
तेरे नाम को भुलाया फंस जंजाल में 
तेरी याद तो मन तड़पाये रे चैन न पाये रे 

मै तो कबसे बैठा अंधकार में 
बाबा आन बचाओ हूँ मंझधार में 
सुनलो बाबा मन की पुकार आज दे दो दीदार रे 

मुझे तेरी ही बाबा इक आस है 
तेरे बिन दिल रहता उदास है 
तेरा इंतज़ार करूँ तेरी फरियाद बाबा आजा इक बार रे 


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