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शनिवार, 30 मई 2015

22 माता की भेंट 22

साडे नालों चंगे ने माँ पत्थर पहाड़ दे 
नित जेह्ड़े रहण मैया नेड़े दरबार दे 

रखया नसीबा मैनु तेरे कोलो दूर माँ 
सज़दा तू मेरा अज कर  मंज़ूर माँ 
भेंट मै लयावा माई अथरू प्यार दे 

चढ़के चढ़ाइया घबराई जान मेरी जी 
सांझी छत पहुंचे आई दिल नू दिलेरी जी 
आ पहुंचे हुन तेरे दरबार ते 

आज तेरे द्वारे उते चलके फकीर माँ 
तेरे बिना केहडा सुने हाल गरीब दा 
दास नू ध्यानू वाला आज तू दीदार दे 

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