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शनिवार, 23 मई 2015

गुरुदेव के भजन 397 (Gurudev Ke Bhajan 397)


आज भक्तो की अर्ज भी सुनलो 
मत जाओ प्यारे गुरुदेव 

जा रहे हो छोड़के हमको , हम विदा न कर पाएं तुमको 
देखो आँखे भर आई और जुबान लड़खड़ाई 
गलतियाँ माफ़ करना हमारी , हो गई जो हमसे गुरुदेव 

याद आएगी हर पल तुम्हारी , विनती इतनी है नाथ हमारी 
जब बुलाऊँ चले आना , आके दर्श दिखाना 
चाहे सपनो में आना , आ जाना प्यारे गुरुदेव 

ये जीवन दो दिन का मेला, आये जाये इन्सां अकेला 
सारे रिश्ते है झूठे , साँस रुके तेरी टूटे 
बस संग में इक ही जाये , नाम तेरा सच्चा गुरुदेव 

मन न माने आस बँधाओ ,थोड़ी देर तो और रुक जाओ 
सामने बैठा रहूं , मुँह से कुछ न कहूँ मै 
जाम भर भर के पीऊँ, आँखों से पिलाओ गुरुदेव 


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