आज भक्तो की अर्ज भी सुनलो
मत जाओ प्यारे गुरुदेव
जा रहे हो छोड़के हमको , हम विदा न कर पाएं तुमको
देखो आँखे भर आई और जुबान लड़खड़ाई
गलतियाँ माफ़ करना हमारी , हो गई जो हमसे गुरुदेव
याद आएगी हर पल तुम्हारी , विनती इतनी है नाथ हमारी
जब बुलाऊँ चले आना , आके दर्श दिखाना
चाहे सपनो में आना , आ जाना प्यारे गुरुदेव
ये जीवन दो दिन का मेला, आये जाये इन्सां अकेला
सारे रिश्ते है झूठे , साँस रुके तेरी टूटे
बस संग में इक ही जाये , नाम तेरा सच्चा गुरुदेव
मन न माने आस बँधाओ ,थोड़ी देर तो और रुक जाओ
सामने बैठा रहूं , मुँह से कुछ न कहूँ मै
जाम भर भर के पीऊँ, आँखों से पिलाओ गुरुदेव
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