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शुक्रवार, 1 मई 2015

गुरुदेव के भजन-177 (Gurudev Ke Bhajan177)



बाबा जी हमें दर्श दिखाना ही पड़ेगा 
जो वादा किया तुमने निभाना ही पड़ेगा 

कितने दिन गुज़रे है तेरी आस लगाये 
बीते दिन रैना मगर तुम नही आये 
अब दिल ने पुकारा तुझे आना ही पड़ेगा 

हम तो है अज्ञानी पूजा नही जानें 
कैसे मनाएं हम तुम्हें ये भी न जाने 
क्यों रूठ गए हमसे मनाना ही पड़ेगा 

मैने सुना है दर से कोई खाली नही जाता 
जो निश्चय लेके आता  मुरादें वही पाता 
मेरी इच्छा पूरी करने आना ही पड़ेगा 


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