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रविवार, 3 मई 2015

गुरुदेव के भजन-187 (Gurudev Ke Bhajan187)




मैने बाबा भेजा पैयाम  मेरे बाबा तुझको सलाम 
तेरे दर पे रोज़ मै आके सज़दा करूँ सुबो- शाम 

तेरे जलवे निराले ओ घाटगेट वाले 
ज़मी सूरज चंदा और गगन के ये सितारे 
तुझको सज़दा करते है तेरे दर पे झुकते है 
तेरे दर पर जो भी आये होवे पूर्ण काम 

तेरी महिमा निराली दो जहाँ का तू वाली 
तेरे दर जो भी आये कभी जाये न खाली 
तूने लाखों  को तारा तूने भव से उबारा 
लाखों दुखियारों के तूने बिगड़े बनाये काम 

आज मेरी है बारी सुनलो अर्ज हमारी 
तेरी शरण में आई मै भी हूँ इक दुखियारी 
सुनते फरियाद सबकी रखते तुम लाज सबकी 
करना कृपा ओ बाबा मेरे भूलूँ न तेरा नाम 


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