मै द्वारे तेरे आई आके झोली फैलाई
तू दे दे दाता जो चाहे
बाबा ने ख़ुशी के है खोले खज़ाने
भरपूर है मय से पैमाने
बाबा ने ख़ुशी लुटाई मै भी झोली भरने आई
रहमत से तू भरपूर है
तेरे चेहरे पर इक नूर है
आँखों से तूने पिलाई मै भी पीने को आई
हम दर से मुरादें पाते रहें
दरबार तेरे आते ही रहें
तेरी महिमा रहे सवाई रहे झुकती यहाँ खुदाई
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