यह ब्लॉग खोजें

बुधवार, 13 मई 2015

गुरुदेव के भजन-278 (Gurudev Ke Bhajan 278)




तेरे दर पे आई हूँ बाबा दर्शन हमें दिखाना 
दुनिया ने है ठुकराया बाबा तुम न हमें ठुकराना 

झूठी ये दुनिया है झूठे सब नाते है 
झूठी है प्रीत इसकी न साथ निभाते है 
सच्चा तेरा द्वारा है बाबा प्रीत मेरी तू निभाना 

चंचल  मन मेरा है बाबा करता नादानी 
हर मोड़ पे धोखा है करता है मनमानी 
बाबा इस भटके मन  को तुम सच्ची राह बताना 

हर पल यहाँ खटका है जम फांसी का खटका है 
दिल दुनिया में अटका है मन जहाँ में भटका है 
बाबा लगन से अपनी तुम इस भव से मुझे छुड़ाना


___________________________***___________________________ 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें