तर्ज ---ऐसी लागी लगन मीरा हो गई
तुझसे लागी लगन मै तो हो गई मग्न
तेरे नाम की रटना लगाने लगी
तोड़े रिश्ते सभी दुनिया बैरन भई
तेरे नाम की रटना लगाने लगी
आई द्वारे तेरे मन में आशा लिए
आंसुओ की लड़ी भूल जाने लगी
दुःख के कतरे सभी पल में बिसरे सभी
मै तो सुख की सरिता में नहाने लगी तेरे नाम की रटना लगाने लगी
नाम तेरा लिया मानो अमृत पिया
विषयों से परे मै तो जाने लगी
चरणो में रमी तेरी जोगन बनी
लेके इकतारा भजनो को गाने लगी
मै तो दुःख के पलों को भुलाने लगी तेरे नाम की रटना लगाने लगी
_________________________**___________________________
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें