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शुक्रवार, 1 मई 2015

गुरुदेव के भजन-174 (Gurudev Ke Bhajan174)




महानंद बाबा तेरी महिमा अपार है जयजयकार है 
आज भी है और हरदम रहेगी 

तुम आस पुजाते हो सबसे प्यार करते हो 
जो कोई हो दींन  दुखी उसका दुःख दूर करते हो 
सदा करें याद तुझे जब तक सांस है आज भी है और हरदम रहेगी 

तुम दया के दाता हो बहुत करुणामय भोले हो 
भक्तों के लिए अपने खज़ाने रहते खोले हो 
भर भर के झोली भेजो करो पूरी आस है आज भी है और हरदम रहेगी 

बाबा तेरी आँखों से खुदा का नूर झलकता है 
जो भी देखे इक बार सदा मिलने को तड़पता है 
सबको दीदार दे दो मेरी फरियाद है आज भी है और हरदम रहेगी 



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