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सोमवार, 4 मई 2015

गुरुदेव के भजन-197 (Gurudev Ke Bhajan197)




बाबा जी मेरे मुझे न भुलाना और कहाँ है मेरा ठिकाना 

बाबा जी मेरे मुझसे न रूठो कैसे है गम के मारे तो पूछो 
मुझको बाबा जी न ठुकराना 

लाखों के तुमने दुखड़े है टारे  मेरी भी विनती है तुम्हरे द्वारे 
मेरी भी बाबा बिगड़ी बनाना 

तूने करी न मेरी सुनाई लाखों की तूने बिगड़ी बनाई 
तेरा ही दर है मेरा ठिकाना 

सारे जग के हो तुम रखवाले बाबा जी फिर क्यों हुए न हमारे 
मुझको न बाबा तुम बिसराना 

बाबा जी मेरे हम तो तुम्हारे कैसे बताएं तेरे ही सहारे 
बाबा जी अब ये नाता निभाना 


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