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मंगलवार, 5 मई 2015

गुरुदेव के भजन-202 (Gurudev Ke Bhajan202)



बाबा दे द्वारे उते अलख जगाई जावीं 
भिक्षा मिले न मिले धूणी रमाई जावी 

सतगुरु दयाल होवण पूरे  सब काज होवण 
दिल विच प्रेम वाली जोत जगाई जावी 

दिल विच विश्वास होवे पूरी हर आस होवे 
दिल नू चरणा विच उसदे ढुलाई जावी 

सतगुरु जी मेरे डुब्बदे बेड़े नू पार करदे 
श्रद्धा दे नाल उसनू शीश झुकाई जावी 

तू कुर्बान हो जा उसदा गुलाम हो जा 
दर्शन नू पाके अपने दिल नू लुटाई जावी 


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