मेरे बाबा के चरण प्यारे प्यारे सारे जग सारी दुनिया से न्यारे
मुझे और जगत से क्या लेना
बाबा तुम तो दया के सागर कभी डालो इधर भी फेरा
तेरे चरणो पे हो मेरा सर कभी भूलू न एहसान तेरा
बाबा लूँ मै तेरा नाम चाहे सुबह हो या शाम
दिल तेरे बिन अब लागे न
तुझे याद करूँ मै हर पल तुम्हीं बसते हो आँखों में मेरे
मेरा दिल यही चाहे बाबा करूँ सिमरन मै साँझ सवेरे
तेरा रटती रहूँ नाम तुम ही मेरे घनश्याम
दिल और तो कुछ भी चाहे न
तेरी प्यारी मोहनी मूरत जबसे दिल में समाई मेरे
नज़रों को झुकाके बाबा करूँ दर्शन मै साँझ सवेरे
जीवन के तुम ही आधार मेरी नैया लगाओ पार
कुछ और मै तुमसे मांगू न
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