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गुरुवार, 7 मई 2015

गुरुदेव के भजन-217 (Gurudev Ke Bhajan217)




मेरे बाबा तुम मुझको इतना ही वर दे दो 
सेवा सुमिरन सत्संग झोली में मेरी भर दो 

कभी भूलूँ न तुमको इतनी तो कृपा करना 
तेरे नाम को रटते मरूँ इतनी ही दया करना 
करे मन तेरा सुमिरन इतनी शक्ति भर दो 

मै हर पल ही तेरा बाबा गुणगान करूँ 
तेरे ध्यान में जीती रहूँ तेरे ध्यान में ही मै मरूँ 
पावन हो जाये मन इतनी तो दया करदो 

हर शख्स में मै बाबा तेरा ही दीदार करूँ 
तुम पर ही भरोसा मुझे तुझसे ही प्यार करूँ 
तेरी मूरत दिल में रहे इतना ही वर दे दो 

मेरी जिह्वा पर बाबा हरदम तेरा नाम रहे 
कभी भूलूँ न तुमको तेरा ही ध्यान रहे 
अपनी प्रीती का रंग मुझमें बाबा भर दो


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