अखियाँ प्यासी दर्शन की प्यास बुझाओ नैनन की
अब तो दर्श दिखा जाना प्यास को आके मिटा जाना
धार बहे मेरे अंसुअन की
जोड़ा तुम्हरे संग नाता भिक्षुक मै हूँ तुम दाता
लाज रखो मुझ निर्बल की
सब कुछ तुम्हरे है अर्पण आई बनके मै जोगन
दासी बना लो चरणन की
बाबा जी अब तो मेहर करो अर्ज सुनो मत देर करो
पत राखो निज शरणंन की
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