तर्ज -----रंग बरसे भीगे चुनर वाली
रंग बरसे बाबा जी तेरे भवन पे रंग बरसे
ओ रंग बरसे बाबा जी तेरे भवन पे रंग बरसे
कोई फूलो के गजरे है लाया
कोई चन्दन का लेप है लाया
पहनों फूलों के हार सजा है दरबार रंग बरसे -------
चुन चुन कलियों की माला बनाई
बाबा जी मै तेरी भेंट लाई
खोलो बाबा जी दरबार खड़ी तेरे द्वार रंग बरसे -----
प्रेम की बाती दिल में जलाई
नाम की तेरे अलख लगाई
खोलो बाबा जी भंडार खड़े है तेरे द्वार रंग बरसे ------
पान सुपारी बाबा लौंग इलाची
सुबह उठ तुझको मै भोग लगाती
भक्तो की लगी है कतार तेरे दरबार रंग बरसे -------
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