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सोमवार, 4 मई 2015

गुरुदेव के भजन-195 (Gurudev Ke Bhajan195)




पत्थरदिल क्यों नाथ बने क्यों आता नही रहम 
बिरह में तेरे बाबा कितने सहे है मैने गम 

भूल चूक दासी की हो तो माफ़ करो 
मर्यादा पुरुषोत्तम हो इंसाफ करो 
कब अंधियारी रात बनेगी दाता ये पूनम 

न जाने कितनो के काम सवार गए 
मेरी बारी क्योंकर हिम्मत हार गए 
चरण छोड़कर जाने की नही जब तक दम में दम 

आस लगाकर बैठी हूँ निज स्वामी पर 
बहुत भरोसा मुझको अन्तर्यामी पर
 याद तुम्हारी हरदम बाबा करना मेरा धर्म 


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