बेकार सोचना है तेरे सोचने से क्या है
@मीना गुलियानी
होता वही है जो कि तेरे भाग्य में लिखा है
तेरे रास्ते अगरचे हैं मुसीबतों ने घेरे
माता का आसरा ले जब तक है स्वांस तेरे
उसका ही नाम केवल हर रोग की दवा है
उसका पता जो पूछे कटड़े से हो रवाना
जो सामने है पर्वत उसपे तू चढ़ते जाना
दरबार पर पहुँच जा माता की वो गुफा है
दुनिया की दौलतों का झूठा है ये खज़ाना
ये महल और बंगले कुछ भी न साथ जाना
मत खेल जिंदगी से बेकार का जुआ है
गर चाहते हो मुक्ति माँ के चरण पकड़ लो
जीवन की नाव उसकी शक्ति से पार करलो
उसकी कृपा से जलता तूफ़ान में दिया है
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