यह ब्लॉग खोजें

शनिवार, 24 सितंबर 2016

हम हैं बड़े दीवाने

देख हमें आवाज़ न देना, हम हैं बड़े दीवाने
आज न देखेंगे मुड़के , दुनिया को मस्ताने

दूर कहीँ इक पंछी गाये , क्या बतलाये
कल जो बीत गया है , वो फिर लौट न आये
दिल की बातें रखो दिल में , लोग उन्हें क्यों जाने

अरमाँ दिल के मचल रहे हैं , क्या समझाएं
प्रेम में जब दिल मिलते हैं , तो जग तड़पाये
दिल की लगी को दिल ही जाने , या जाने परवाने
@मीना गुलियानी 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें