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शुक्रवार, 16 सितंबर 2016

भजनमाला -----130

आजा मेरे सतगुरु प्यारे मुख अपना दिखला के जा 

संगत दी है डोले नैया तुझे बिन सतगुरु कौन खिवैया 
सतगुरु प्यारे कृपानिधान किश्ती पार लगाके जा 

संगत तेरी रोंदी रुल्दी दुखां विच गई रुल्दी घुल्दी 
भुला दे विच पैके भुल्दी सिदे रस्ते पाके जा 

तुझ बिन सतगुरु कौन सम्भाले डुबदे  लावे कौन किनारे 
लखां सुन्दे तू हैं तारे बेड़ा बने लाके जा 

इक वारि तू सतगुरु आवी आवीं न तू देर लगाविं 
भूले भटके ढेंदे डिगदे बाहों फड़ उठाके जा 

झूठी अकड़ ते मगरूरी पाई संगत विच फतूरी 
बख्शो सानू सब्र सबूरी नम्रताई सिखला के जा 

तुझ बिन सतगुरु काल डराए तुझ बिन सतगुरु कौन बचाये 
शब्दरस दा  लोटा भरके अमृत नाम पिलाके जा 
@मीना गुलियानी 



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