आजा मेरे सतगुरु प्यारे मुख अपना दिखला के जा
@मीना गुलियानी
संगत दी है डोले नैया तुझे बिन सतगुरु कौन खिवैया
सतगुरु प्यारे कृपानिधान किश्ती पार लगाके जा
संगत तेरी रोंदी रुल्दी दुखां विच गई रुल्दी घुल्दी
भुला दे विच पैके भुल्दी सिदे रस्ते पाके जा
तुझ बिन सतगुरु कौन सम्भाले डुबदे लावे कौन किनारे
लखां सुन्दे तू हैं तारे बेड़ा बने लाके जा
इक वारि तू सतगुरु आवी आवीं न तू देर लगाविं
भूले भटके ढेंदे डिगदे बाहों फड़ उठाके जा
झूठी अकड़ ते मगरूरी पाई संगत विच फतूरी
बख्शो सानू सब्र सबूरी नम्रताई सिखला के जा
तुझ बिन सतगुरु काल डराए तुझ बिन सतगुरु कौन बचाये
शब्दरस दा लोटा भरके अमृत नाम पिलाके जा
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