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रविवार, 25 सितंबर 2016

माता की भेंट -----5

 जगदम्बे शेरां वाली, बिगड़ी सँवार दे 
नैया भँवर में मेरी , सागर से तार दे 

मैं अज्ञानी मैया ,कुछ भी न जानू 
दुनिया के झूठे नाते ,अपना मैं जानू 
आके बचालो नैया ,भव से उबार दे 

लाखों की तूने मैया , बिगड़ी बनाई 
फिर क्यों हुई है मैया, मेरी रुसवाई 
लाज बचाले माता ,दुखड़े निवार दे 

जपूँ तेरा नाम मैया ,ऐसा मुझे ज्ञान दे 
नाम न तेरा भूलूँ ,ऐसा वरदान दे 
आशा की जोत , मेरे दिल में उतार दे 
@मीना गुलियानी 

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