जगदम्बे शेरां वाली, बिगड़ी सँवार दे
नैया भँवर में मेरी , सागर से तार दे
मैं अज्ञानी मैया ,कुछ भी न जानू
दुनिया के झूठे नाते ,अपना मैं जानू
आके बचालो नैया ,भव से उबार दे
लाखों की तूने मैया , बिगड़ी बनाई
फिर क्यों हुई है मैया, मेरी रुसवाई
लाज बचाले माता ,दुखड़े निवार दे
जपूँ तेरा नाम मैया ,ऐसा मुझे ज्ञान दे
नाम न तेरा भूलूँ ,ऐसा वरदान दे
आशा की जोत , मेरे दिल में उतार दे
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