तेरा ही तो मुझे इंतज़ार है
दिल हो रहा आज बेकरार है
शाम ढलने लगी रुत मचलने लगी
दिल की दबी आरजू फिर से जगने लगी
बुझ गई दिए की लौ ,दिल बेकरार है
दिन गुज़र गया मेरा इस ख्याल से
हाल मिल गया तुम्हारा अपने हाल से
हर सुबह से रात तक ये खुमार है
तेरा मेरा सामना जब भी होगा कहीँ
सामने ही पाओगे जाओ तुम कहीँ
सज़दे में ही गुज़रे शबे इंतज़ार है
@मीना गुलियानी
दिल हो रहा आज बेकरार है
शाम ढलने लगी रुत मचलने लगी
दिल की दबी आरजू फिर से जगने लगी
बुझ गई दिए की लौ ,दिल बेकरार है
दिन गुज़र गया मेरा इस ख्याल से
हाल मिल गया तुम्हारा अपने हाल से
हर सुबह से रात तक ये खुमार है
तेरा मेरा सामना जब भी होगा कहीँ
सामने ही पाओगे जाओ तुम कहीँ
सज़दे में ही गुज़रे शबे इंतज़ार है
@मीना गुलियानी
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