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रविवार, 25 सितंबर 2016

माता की भेंट ------7

माँ जगदम्बे जी के  द्वार , जो भी करता है पुकार 
आस पुजाए, माँ अम्बे , सुन लेती है पुकार 

माँ जगदम्बे की शान निराली 
लौटा  न खाली कोई यहाँ से सवाली 
सुनके करुणा भरी पुकार शेरों पे होके सवार 
आके अम्बा हर लेती ,सबके दुखड़े अपार ----------------------   माँ जगदम्बे

जो भी मइया जी की आस लगाए 
मइया  जी उसकी आस पुजाए 
माँ की महिमा अपरम्पार ,प्रेम की शीतल चले फुहार 
मइया अम्बे जगदम्बे ,कर देती  भव से पार------------------------ माँ जगदम्बे

राजा हो या कोई भिखारी 
सब हैं बराबर यहाँ नरनारी 
माँ के भरे हुए भण्डार ,लेवे  नाम जो होवे पार 
माँ जगदम्बे जी भक्तो का करती हे उद्धार ---------------------------माँ जगदम्बे
@मीना गुलियानी 

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