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गुरुवार, 15 सितंबर 2016

दुःख सुख का ताना बाना

यह जीवन तो है दुःख सुख का ताना बाना
रखके हौंसला खुद पे आगे कदम बढाना

दुःख तो है गहरा सागर हिम्मत न हार जाना
आशा की नाव चढ़कर उस पार चले जाना

तुम भी वहाँ सपनों की दुनिया नई बसाना
जब मीत मिले मन का फिर प्रीत को जगाना

आशा की डोर लेकर फिर घर नया  बसाना
फिर प्रेम की सुरभि से जीवन को महकाना

प्रेम को पल्लवित कर  जग को सुखी बनाना
दिलों के दरम्यां हुए हर फासले मिटाना

इस जहाँ से नफरत जाति भेद को मिटाना
हर तरफ ही प्रेम का सन्देश तुम पहुँचाना
@मीना गुलियानी 

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