तेरी नज़रों से खुदाई तो नहीँ मांगी थी
खैर मांगी थी बुराई तो नहीँ मांगी थी
क्या किया जुर्म जो यूं आप खफा हो बैठे
होके खामोश यूं ही हमसे जुदा हो बैठे
दिल ही माँगा था जुदाई तो नहीँ मांगी थी
दिल तो बेगाना हुआ उसे अपना न सके
हो गया तेरा तो वो अपना बना भी न सके
चीज़ अपनी थी पराई तो नही मांगी थी
नासमझ थे हम भी कुछ समझ भी न सके
फरेबे जाल से हम बचके निकल भी न सके
फँसके भी हमने रिहाई तो नहीँ मांगी थी
न किया शिकवे कभी न गिला हमने किया
जैसे भी तुमने कहा हमने वैसा ही किया
हमने तुमसे भी सफाई तो नहीँ मांगी थी
@मीना गुलियानी
खैर मांगी थी बुराई तो नहीँ मांगी थी
क्या किया जुर्म जो यूं आप खफा हो बैठे
होके खामोश यूं ही हमसे जुदा हो बैठे
दिल ही माँगा था जुदाई तो नहीँ मांगी थी
दिल तो बेगाना हुआ उसे अपना न सके
हो गया तेरा तो वो अपना बना भी न सके
चीज़ अपनी थी पराई तो नही मांगी थी
नासमझ थे हम भी कुछ समझ भी न सके
फरेबे जाल से हम बचके निकल भी न सके
फँसके भी हमने रिहाई तो नहीँ मांगी थी
न किया शिकवे कभी न गिला हमने किया
जैसे भी तुमने कहा हमने वैसा ही किया
हमने तुमसे भी सफाई तो नहीँ मांगी थी
बहुत बहुत पसंद आया.. आभार आपका.
जवाब देंहटाएंजय भगवती, जय श्रीरामजी.