यह ब्लॉग खोजें

सोमवार, 19 सितंबर 2016

प्यार से मुस्कुराना पड़ेगा

दिल में जलता रहे ये दिया , प्रेम से ये जलाना पड़ेगा
आँधियां हों या तूफ़ान हों , हर बला से बचाना पड़ेगा

जिंदगी दुःख का सागर भी है
जिंदगी प्रेम गागर भी है
सुख दुःख के भँवर से निकलकर
हमें उस पार जाना पड़ेगा

नाव साहिल से गर दूर हो
पाँव चलने से मजबूर हों
थामके फिर भरोसे का दामन
पतवार चलाना पड़ेगा

जिंदगी इक पहेली भी है
सुख दुःख की सहेली भी है
माफ़ करके गुनाहों को सबके
प्यार से मुस्कुराना पड़ेगा
@मीना गुलियानी 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें