नाम जब तेरा लिया दुःख सब दूर हुआ
@मीना गुलियानी
तेरे ही चरणों में मैंने जीवन को जिया
नाम तेरा अमृत है विष सब दूर करे
ऐसा वो प्याला है दुःख सन्ताप हरे
पीकर अमृत को मन मतवाला हुआ
तुम तो दयालु हो कृपा करते हो
जो भी दुखिया आये झोली भरते हो
मेहर की नज़रो से तूने जो मुझको छुआ
ज्योति तेरी पावन दिल में जलती है
हर पल याद तेरी दिल में पलती है
साँसों की डोरी से मैंने गुणगान किया
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