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गुरुवार, 8 सितंबर 2016

मुझे मेरे हाल पे छोड़ दो

मुझे तुमसे कोई गिला नहीँ
मुझे मेरे हाल पे छोड़ दो
न करूँगी तुमसे शिकवा कभी
जो साथ मेरा छोड़ दो

हैं  तूफाँ हज़ारों उठे  हुए
जो थे मेरे  जिगर में दबे हुए
,मैंने कबसे सम्भाला अरमानों  को
जो थे दिल में मेरे थे जगे हुए
न गिला है अब किसी बात का
इसे क्यों न इक नया मोड़ दो

तम्हे अपना कहने की चाह में
न ये दिल किसी का भी हो सका
तुझे भूलना भी मुझसे कभी
मुमकिन कभी भी न हो सका
ये लिखा था मेरे नसीब में
मेरा नाम लेना भी छोड़ दो

दिल मेरा यूं बेजुबान हो गया
जाने कैसी ये आज हवा चली
तू भी गैर हो गया आज तो
मचा  शोर है ये गली गली
मेरा दिल अगर कोई दिल नही
इसे सामने मेरे तोड़ दो
@मीना गुलियानी 


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